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किसान आंदोलन को समर्थन देने पर चलाया प्रोपेगेंडा, ग्रेटा थनबर्ग ने शेयर किया भारत विरोधी टूलकिट

स्वीडिश जलवायु एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध के लिए एक टूलकिट डॉक्यूमेंट्स शेयर किया था जिसमें कैसे विश्व स्तर पर कृषि कानूनों का समर्थन और विरोध किया जाने को लेकर कई चीजें लिखी गई थी। बता दें कि उनके ट्विटर हैंडल पर शेयर किए गए इन डॉक्यूमेंट्स ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत को बदनाम करने की एक भयावह साजिश का पर्दाफाश कर दिया है। इस टूलकिट को गलती से शेयर करने के बाद जलवायु कार्यकर्ता ने बाद में अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट को हटा दिया है।जानकारी के मुताबिक इस टूलकिट डॉक्यूमेंट्स में दिल्ली के बाहरी इलाके में हो रहे किसान प्रदर्शन की हलचल को तेज करने की एक विस्तृत योजना दी गई है। जानकारी के मुताबिक, भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ग्रेटा की वैश्विक किसानों की हड़ताल टूल किट की डॉक्यूमेंट्स शेयर करते हुए कहा कि वे 26 जनवरी को दंगों के लिए तैयार थे।
ग्रेटा थनबर्ग द्वारा जारी किए गए इस टूलकिट डॉक्यूमेंट्स में ‘भारतीय दूतावासों, अडानी और अंबानी के कार्यालयों में विरोध प्रदर्शन’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। ग्लोबल फार्मर्स स्ट्राइक- फर्स्ट वेव टाइटल वाले में लिखा गया कि, ” 26 जनवरी को विश्व स्तर पर, आप अपना समर्थन दिखाए, आप जहाँ भी हों अपना समर्थन प्रदर्शित करें। इसके अलावा अपने शहर / राज्य / देश में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का पता लगाएं और बड़ी या छोटी संख्या में भाग लें या एक प्लान करें। ” इसके अलावा लोगों को भारतीय दूतावासों , स्थानीय सरकारी ऑफिसों या अडानी और अंबानी कंपनियों के कार्यालयों में एकजुटता विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। वहीं इंगिलश समाचार CNN की एक समाचार रिपोर्ट को टाइटल देते हुए लिखा गया है कि “भारत ने नई दिल्ली के आसपास इंटरनेट पर रोक लगा दी है, क्योंकि किसानों की पुलिस के साथ झड़प हुई है”। गौरतलब है कि ग्रेटा थनबर्ग ने मंगलवार को ट्वीट किया, “हम भारत में #FarmersProtest के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं।”
ग्रेटा थुनबर्ग ने डिलीट किया पोस्ट
बता दें कि ग्रेटा थनबर्ग ने टूलकिट को शेयर करते हुए लिखा कि “अगर आपको मदद करनी है तो आप इस टूलकिट से मदद ले सकते है”। इस टूलकिट में किसानों के विरोध को समर्थन देने के लिए ट्विटर पर कई पोस्ट शेयर करने, किसानों की तस्वीरें पोस्ट करने से लेकर भारतीय दूतावासों और सरकारी अधिकारियों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने जैसी कई कार्रवाइयां शामिल थीं।
यहाँ पूरा डॉक्यूमेंट्स है जिसे ग्रेटा थुनबर्ग ने ट्वीट किया था:

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