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कांग्रेस शासित राज्यो में किसान कानून के खिलाफ होगा बिल पास, एक दिन का विशेष सत्र बुलाने की मांग

नई दिल्ली: मोदी सरकार के किसान कानूनों का कांग्रेस पार्टी देशभर में विरोध कर रही है. पंजाब और हरियाणा में इन कानून को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है. अब खबर है कि कांग्रेस शासित राज्यों में इन कानून के खिलाफ बिल पेश कर सकते हैं. इसके लिए विशेष विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी की जा रही है.

इस बिल से जुड़ा एक ड्राफ्ट कांग्रेस की सेंट्रल लीडरशिप ने अपने राज्यों को भेजा है. इस ड्राफ्ट दो प्रावधान विशेष रूप से जोड़े गए हैं. पहला है कि केंद्र का कानून कब से राज्य में लागू होगा इसे तय करने का पूरा अधिकार राज्य सरकार के पास होगा. दूसरा प्रावधान केंद्र के बिल में मौजूद कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को लागू ना करने को लेकर है. इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि कोई भी कंपनी या व्यापरी एमएसपी से नीचे फसल नहीं खरीद सकता.

हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि जिन राज्यों में कांग्रेस गठबंधन के साथ सत्ता में है जैसे कि महाराष्ट्र और झारखंड, वहां की सरकार भी कोई विशेष सत्र बुलाएगी या नहीं. इसके साथ ही गैर कांग्रेस और गैर बीजेपी शासित राज्य जैस केरल और बंगाल भी इस तरह का कानून बनाएंगे या नहीं.

किसान कानून: राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला

रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पंजाब के मोगी में एक ट्रैक्टर रैली में भी शामिल हुए थे. राहुल गांधी ने एक जनसभा को भी संबोधित किया, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार में किसानों के साथ अंग्रेजी जैसा सलूक हो रहा है. राहुल ने कहा कि सत्ता में लौटे तो काला कानून रद्द करेंगे.

राहुल गांधी ने कहा, ”कोविड में किसानों के लिए क़ानून क्यों लाए. अगर क़ानून ठीक है तो किसान आंदोलन क्यों कर रहा है. कोविड में मोदी सरकार ने बड़े कारोबारियों का टैक्स माफ़ किया, ग़रीब को कुछ नहीं दिया.”

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