चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में जारी घमासान कभी समाप्त होगा भी या नहीं ? क्योंकि प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ मुलाकात तो की थी लेकिन अब उनको हटाने की रणनीतियां भी बनाने लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिद्धू ने पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर विधायकों की बैठक बुलाने का फैसला किया है। जिसमें अमरिंदर सिंह को सीधे चुनौती देने की रणनीति तैयार की जा सकती है।
बताया जा रहा है कि सिद्धू इस बैठक में मुख्यमंत्री को बदले जाने की मांग उठा सकते हैं। हालांकि सिद्धू ने बुधवार को चार सलाहकार नियुक्त किए हैं। जिसमें लोकसभा सदस्य अमर सिंह और पूर्व आईपीएस अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा शामिल हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने एक चिट्ठी में कहा, “मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में तत्काल प्रभाव से चार सलाहकारों को नियुक्त करता हूं। मैं व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक पंजाबी के बेहतर भविष्य के लिए इनमें से प्रत्येक को उनके दृष्टिकोण के लिए बहुत सम्मान देता हूं।”
आपको बता दें कि जब सिद्धू स्थानीय निकाय मंत्री थे तब लोकसभा सदस्य अमर सिंह उनके सलाहकार थे। बाद में मध्य प्रदेश कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अमर सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव में फतेहगढ़ साहिब सीट से जीत हासिल की। पूर्व आईपीएस अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना के पति हैं।
हाल ही में सिद्धू ने अपने करीबी मंत्रियों और नेताओं के साथ बैठक की है। भले ही सिद्धू और अमरिंदर के बीच का विवाद फौरी तौर पर खत्म हो चुका हो लेकिन जो हालात उत्पन्न हो रहे है, उसके दूरगामी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। जहां एक तरफ सिद्धू मुख्यमंत्री को बदलने की रणनीति पर काम कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने पार्टी आला नेतृत्व सोनिया गांधी से मुलाकात कर सिद्धू की वजह से खराब हुई कांग्रेस की छवि के बारे में जानकारी दी।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोनिया गांधी ने पंजाब की समस्या को हल करने के लिए हरीश रावत को निर्देश दिया है कि वह वहां जाकर इसका निपटारा करें।