साइंस एवं टेक्नोलोजी
हेलमेट कंट्रोल करेगा आपकी मोटरसाइकिल, बाइक राइडिंग हुई सेफ
क्या ऐसा कभी हुआ है कि हेलमेट ना पहनने की वजह से पुलिस ने आपका चालान कर दिया हो? यह नहीं हुआ तो ऐसा जरूर हुआ होगा कि अगर आप कभी बाइक चलाने जा रहे हों, तो घर वालों ने आपको हेलमेट ना पहनने के लिए टोक दिया हो, और आप को उनका टोकना बुरा लगा हो?
आप में से ऐसे कई लोग होंगे, जिन्होंने हेलमेट न पहनने की वजह से, अपने कई प्रिय जनों को असमय खो दिया होगा। जाहिर तौर पर हेलमेट, बाइक चलाने वाले लोगों के लिए बेहद बढ़िया सुरक्षा कवच होता है। यह आपकी उन हालातों में सुरक्षा करता है, जब परिस्थितियां विपरीत होती हैं।
बेशक! चाहे आपकी गलती हो, चाहे दूसरा कोई ट्रैफिक रूल का उल्लंघन करे, किन्तु अगर आप बाइक पर सवार हैं, तो हेलमेट आपके लिए, आपके दिमाग के लिए, एक मजबूत सुरक्षा कवच का काम करता है।
ज़ाहिर तौर पर, यही वह चीज है जो हेलमेट पर रिसर्च करने के लिए तमाम लोगों को प्रेरित करती रही है।
संभवतः इसीलिए टू व्हीलर बनाने वाली बड़ी कंपनी होंडा ने अब एक एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ हेलमेट और उसके साथ अपनी स्पेशल बाइक मार्केट में लाने की तैयारी कर ली है।
फिलहाल, तकनीक का नाम माइंड कंट्रोल मोटरसाइकिल टेक्नोलॉजी दिया गया है। मतलब आपके दिमाग से मोटरसाइकिल कंट्रोल की जा सकेगी और होंडा इस कांसेप्ट पर ही काम नहीं कर रहा है, बल्कि इसका यूनिक पेटेंट भी फाइल कर दिया गया है। इस पेटेंट के अनुसार, ऐसी मोटरसाइकिल, जो दिमाग से कंट्रोल हो सके, उसे बनाने का पेटेंट रिक्वेस्ट ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी कंपनी द्वारा किया गया है। यह अपने आप एक बहुत बड़ा रिवॉल्यूशन होगा और इसका कारण बनेगा आपका हेलमेट!
जी हां! जब आप होंडा की इस बाइक को चलाना चाहेंगे तो आपको ऐसा हेलमेट पहनना पड़ेगा, जो आपके दिमाग के इशारे पर आपकी बाइक को कंट्रोल करेगा। कथित तौर पर इस बाइक में आपको हैंडल भी नहीं पकड़ना पड़ेगा और बाइक अपने आप चलती रहेगी। लोग इस पर सवाल ज़रूर उठा रहे हैं, लेकिन होंडा जैसी कंपनी का मजाक नहीं उड़ाया जा सकता है।
यूं भी, इस तथ्य से क्या कोई इंकार कर सकता है कि मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसाने का सपना देखने वाले एलन मास्क विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति बन चुके हैं। उनके तमाम इन्वेस्टमेंट, उनको जबरदस्त प्रॉफिट दे रहे हैं। वैसे भी दिमाग से चलने वाली मोटरसाइकिल में व्हीली कंट्रोल, ट्रैक्शन कंट्रोल, पावर मोटर और राइटिंग मोड सिस्टम इत्यादि शामिल किए जा सकते हैं। चाहे तौर पर इस टेक्नोलॉजी में एक्टिव क्रूज कंट्रोल और कोलिजन वार्निंग सिस्टम लगाया जाएगा। इसके लिए संबंधित हेलमेट में मौजूद सेंसर राइडर के दिमागी सिग्नल को पढ़कर बाइक तक पहुंचाएंगे और इस तरीके से आपकी बाइक कंट्रोल होगी।
हालांकि इसमें पूरी तरह से बाइक अपने आप भी नहीं चलेगी, बल्कि हेलमेट आपको हेल्प करेगा। कहते हैं कि तमाम वैज्ञानिकों और इंजिनियरों की सहायता से कारगर रहेगी और सुरक्षित भी रहेगी। यूं भी यह शुरुआती चरण में ही है। आने वाले दिनों में, इस पर तस्वीर और भी ज्यादा साफ होगी। वैसे नया साल, नए सपनों की तरह ही तो है।
कौन सोचता था कि मनुष्य पंछियों की बातें उड़ सकता है इसीलिए कोई अगर किसी भी तरह की कल्पना कर सकता है तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उस को साकार करने के लिए मार्केट में मौजूद है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन सारी चीजों को बेहद आसान बना सकती है।
वैसे भी ड्राइवर लेस व्हीकल खुद इंडिया में चलने लगी है। अभी हाल ही में प्रधानमंत्री ने ड्राइवरलेस मेट्रो का उद्घाटन किया, तो फिर बिना किसी हैंडल के बाइक क्यों नहीं लांच की जा सकती है। किंतु आने वाले समय में टेक्नोलॉजी इसका बेहतरीन जवाब देगी, ऐसा विश्वास किया जा सकता है।
– मिथिलेश कुमार सिंह